Little Red Riding Hood Story in Hindi : एक दिन, लिटिल रेड राइडिंग हूड की माँ ने उससे कहा, इस टोकरी को अपनी दादी की कुटिया में ले जाओ, लेकिन रास्ते में किसी भी अजनबि से बात मत करना! मैं किसी भी अजनबी से बात नहीं करूँगी उसने वादा किया, अपने रास्ते में जाते वक्त वह एक बड़े और बुरे भेड़िये से मिली जिसने पूछा, तुम कहाँ जा रही हो, छोटी लड़की? मैं अपनी दादी के पास जा रही हूँ ! उसने उत्तर दिया।

भेड़िया तब लिटिल रेड राइडिंग हूड से पहले उसकी दादी की कुटिया में पहुच गया, और दरवाजा खटखटाया। जब दादी ने दरवाजा खोला, तो भेड़िये ने उसे जिंदा निगल लिया। दुष्ट भेड़िये ने दादी के कपड़े पहन लिए और बिस्तर पर लेट गया, वह अब लिटिल रेड राइडिंग हूड की प्रतीक्षा करने लगा।

Little Red Riding Hood Story in Hindi

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जब लिटिल रेड राइडिंग हूड अपनी दादी कि कुटिया में प्रवेश किया तो वह सिधा अपनी दादी के बिस्तर पर चली गई। और उसने कहा ! तुम्हारे पास कितनी बड़ी बड़ी आँखें हैं, दादी! उसने आश्चर्य से कहा। सभी के तरह देखने के लिए, मेरे प्रिय! भेड़िया ने जवाब दिया जो कि दादी का रूप लिए उस बिस्तर पर बैठा हुआ था। तुम्हारे पास कितने बड़े बड़े कान हैं, दादी! लिटिल रेड राइडिंग हूड ने कहाँ। सभी कि तरह सुनने के लिए, मेरे प्रिय! भेड़िया बोला। 

आपके पास कितने बड़े बड़े  दांत हैं, दादी! लिटिल रेड राइडिंग हूड ने कहा। बेहतर तरह से खाना खाने के लिए! और फिर भेड़िया ने उस पर छलांग लगा दि। लिटिल रेड राइडिंग हूड चिल्लाया और तभी वहाँ जंगल से एक लकड़हारा उसकी आवाज सुन कर झोपड़ी कि ओर भागता हुआ आया। उन्होंने बुरे भेड़ियो को हराया और दादी को उसके पेंट से बाहर निकाल लिया। दादी ने खुशी के साथ लिटिल रेड राइडिंग हूड को गले लगाया। वह बुरा भेड़िया वहाँ से भाग गया फिर किसी ने भी उसे दोबारा कभी नहीं देखा। लिटिल रेड राइडिंग हूड ने अब अपना सबक सीखा लिया था और फिर उसने कभी अजनबियों से दोबारा बात नहीं की।

नैतिक: कभी भी अपने बड़ों की अवज्ञा न करें और कभी भी अजनबियों से बात न करें

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