Short Moral Stories in Hindi for Kids and Student

Top 10 Moral Stories in Hindi

1. भेड़िया और चरवाहा लड़के की कहानी

एक बार की बात हें, एक चरवाहा लड़का था जो पहाड़ी पर भेड़ के झुंड को देख देख कर ऊब गया था। उसने खुद का मनोरंजन करने के लिए चिल्लाया, भेड़िया! भेड़िया! भेड़ो का पीछा भेड़िया कर रहा हैं! ” आस पास के ग्रामीण लोग लड़के की मदद करने और भेड़ों को बचाने के लिए दौड़ते हुए आए। वहाँ उन्हें कुछ नहीं मिला और लड़का ग्रामीणो के गुस्से से भरे चेहरे को देखकर हँस पड़ा।

कोई भेड़िया नहीं है, लड़के ने कहा! और वह उन लोगों पर हसने लगा जिसके बाद वह सभी वहा से गुस्से से चले गए।

थोड़ी देर बाद, उसने फिर चिल्लाना शुरू किया भेड़िया! भेड़िया! ’वह फिर से, ग्रामीणों को बेवकूफ बना रहा था। गुस्साए ग्रामीणों ने लड़के को दूसरी बार चेतावनी देकर छोड़ दिया। लड़का भेड़ो के झुंड को देखता रहा। थोड़ी देर बाद, उसने एक असली भेड़िया देखा और जोर से चिल्लाया, “भेड़िया! कृपया सहायता कीजिए! भेड़िया भेड़ों का पीछा कर रहा है। मदद!

लेकिन इस बार, कोई भी मदद करने के लिए नहीं मुड़ा। शाम तक, जब वह लड़का घर नहीं लौटा, तो ग्रामीणों ने सोचा कि उसके साथ क्या हुआ और वह उसे ढूंढने के लिए पहाड़ी पर चले गए। लड़का पहाड़ी पर बैठ कर रो रहा था। उसने बताया कि वहा सच में एक भेडिया आ गया था जिसकी वजह से अब भेड़ों का झुंड बिखरे गया है।

एक बूढ़े ग्रामीण ने उनसे कहा, यदी आप हमसे पहले सच बोलते तो हम इसे कभी झूठ नहीं मानते। पर आपने हमे पहले भी कई बार इस मामले मे झूठ बोला था जिसके कारण किसी ने आप पर विश्वास नही किया। हम कल सुबह आपकी भेड़ों की तलाश करेंगे। चलो अब घर चलते हैं।

कहानी का नैतिक: झूठ बोलना भरोसा तोड़ देता है। जिसके बाद सच बोलने पर भी किसी को आप पर भरोसा नहीं होता।

2. सुनहरा अंडा

एक बार, एक किसान के पास एक मुर्गी थी। जो हर दिन एक सुनहरा अंडा देती थी। वह अंडे किसान और उसकी पत्नी को उनकी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराते थे। किसान और उसकी पत्नी लंबे समय से बहुत खुश थे। पर एक दिन, किसान को एक विचार आया और उसने सोचा, “मुझे एक दिन में सिर्फ एक अंडा क्यों लेना चाहिए? जबकी मे उन सभी को एक साथ ले सकता और बहुत पैसे कमा सकता हूं? 

मूर्ख किसान की पत्नी भी सहमत हो गई और उन दोनो ने मिल कर सारे अंडे एक साथ निकाले के लिए मुर्गी का पेट काटने का फैसला किया। जैसे ही उन्होंने मूर्गी को मारा और उसके पेट को खोला, तो उन्हें खून के अलावा कुछ और नहीं मीला। किसान को, अपनी मूर्खतापूर्ण गलती का एहसास हुआ, और वह साने के अंडे देने वाली मुर्गी को खोने के बाद बहुत रोता है!

कहानी का नैतिक: लालच बुरी बला है।

Visual Story Representation

3. लोमड़ी और अंगूर

fox and the grapes

एक दिन, एक लोमड़ी बहुत भूखी थी। जिसके बाद वह खाने की तलाश में गई उसने खाने की बहुत खोज की, लेकिन उसे कुछ ऐसा नहीं मिला जिसे वह खा सके।

अंत में, उसे एक दीवार के शीर्ष पर, उसे एक रसीले अंगूर का गुच्छा दिखा जो उसने इससे पहले कभी नहीं देखा था। अंगूर तक पहुंचने के लिए लोमड़ी ने हवा में ऊंची छलांग लगाई। जैसे ही उसने छलांग लगाई, उसने अंगूर पकड़ने के लिए अपना मुँह खोला, लेकिन वह चूक गई। लोमड़ी ने फिर कोशिश की लेकिन वह एक बार फिर चूक गई।

उन्होंने कुछ और कोशिश की लेकिन असफल रही।

अंत में, लोमड़ी ने फैसला किया कि उसे अब इसे छोड़ना चाहिए और अपने घर जाना चाहिए। जब वह वहाँ से जा रही थी, तो उसने कहा, मुझे यकीन है कि अंगूर वैसे भी खट्टे थे।

कहानी का नैतिक:  कभी भी घृणा न करें जो हमारे पास नहीं है कुछ भी आसान नहीं है।

4. चींटियों और टिड्डे की कहानी

the ant and the grasshopper

एक उज्ज्वल गर्मीं के दिन में, चींटियों का एक परिवार गर्म धूप में काम करने में व्यस्त था। वे गर्मी के दौरान जमा किए गए अनाज को सर्दियों में खाते थे, जबकि टिड्डा सारी गर्मी मोज करने, गाना गाने, खेलने और गर्मीयों का मोज लेने में बीता देता था। चींटियों ने टिड्डे को देख कर उससे कहा, क्या आपने सर्दियों के लिए कोई भोजन संग्रहीत नहीं किया है? आप गर्मियों में क्या कर रहे है? 

मेरे पास सर्दियों से पहले किसी भी भोजन को संग्रहीत करने के लिए समय नहीं था, टिड्डे ने कहा। मैं संगीत बनाने में व्यस्त हूँ चींटियों ने कहा, “संगीत बना रहे हो, क्या तुम? बहुत अच्छा,” चींटियों ने फिर अपना काम करना चालू कर दिया।

जब सर्दियों का समय आया तो चींटिया अराम से अपना संग्रहीत करा हुआ भोजन खाने लगी और टिड्डे को कड़ी ठंड का सामना बिना भोजन के करना पड़ा। तब उसे अहसास हुआ कि चींटिया सही है और उसने अपना किमती समय बरबाद कर दिया।

कहानी का नैतिक: काम के लिए एक समय और खेलने के लिए एक समय है।

5. एकता में बल

unity is strength

एक बार की बात है, एक बूढ़ा व्यक्ति जो अपने तीन बेटों के साथ एक गाँव में रहता था। हालाँकि उनके तीनों बेटे बहुत मेहनती थे, फिर भी वे हर समय आपस मे झगड़ते रहते थे। बूढ़े व्यक्ति ने उन्हें एकजुट करने की बहुत बार कोशिश की लेकिन वह असफल रहे।

महीनें बीत गए और बूढ़ा बीमार हो गए। उस समय, बूढ़े व्यक्ति ने उन्हें एकजुट करने का फैसला किया – अपने मतभेदों को भूल जाने और एक दुसरे के साथ आने के लिए कहाँ। बूढ़े ने अपने बेटों को बुलवाया, ओर कहाँ, “मैं तुम्हें लाठी का एक बंडल दुंगा। आपको उन्हें एक बंडल के रूप में एक साथ तोड़ना होगा, अलग से नहीं।

बेटे सहमत हो गए और बूढ़े ने उन्हे दस लाठीयों का एक बंडल प्रदान किया सभी ने बंडल को तोड़ने की कोशिश की। अपनी पूरी कोशिश करने के बावजूद, वे लाठी नहीं तोड़ सके। बेटों ने अपने पिता को अपनी विफलता बताई। जिसके बाद बूढ़े व्यक्ति ने उन्हें प्रत्येक छड़ी को अलग करके, एक एक कर तोडने को कहा। जो पहले पूरा करेगा उसे दूसरों की तुलना में अधिक पुरस्कृत किया जाएगा। 

और इसलिए, बेटे सहमत हो गए। बूढ़े व्यक्ति ने उन्हें प्रत्येक को दस लाठी का एक बंडल प्रदान किया, और फिर बेटों को प्रत्येक छड़ी को टुकड़ों में तोड़ने के लिए कहा। बेटों ने कुछ ही मिनटों में लाठी तोड़ दी।

बूढ़े आदमी ने कहा, मेरे प्यारे बेटों, देखो! व्यक्तिगत रूप से हर एक छड़ी को तोड़ना आपके लिए बहुत आसान था, लेकिन उन्हें एक जूट करने पर बंडल में तोड़ना, बहुत कठिन था। इसी तरह अगर आप सब एकजुट रहेंगे ता कोई भी आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता। यदि आप झगड़ते रहते हैं, तो कोई भी आपको जल्दी हरा सकता है। ”

बूढ़ा आदमी ने कहा, मैं पूछता हूं क्या अब आप सब एकजुट रहेंगे। फिर, तीनों पुत्रों ने एकता में शक्ति को समझा, और अपने पिता से वादा किया कि वे सभी एक साथ रहेंगे।

कहानी का नैतिक: सीख एकता में ताकत है।

6. मूर्ख गधा

एक नमक बेचने वाला व्यक्ति हर दिन अपने गधे पर नमक की थैली को लाद कर बाजार तक ले जाता था।

रास्ते में उन्हें एक नदी पार करनी पड़ती थी। एक दिन गधा अचानक नदीं की धारा में गिर गया और नमक की थैली भी उसके साथ पानी में गिर गई। नमक पानी में घुल गया जिससे बैग ले जाने में गधे के लिए बहुत हल्का हो गया। गधा खुश था।

फिर गधे ने हर दिन यह चाल चलना शुरू कर दिया। नमक बेचने वाले को गधे की यह चाल समझ में आ गई और उसने गधे को सबक सिखाने का फैसला किया। अगले दिन उस व्यक्ति ने गधे पर एक कपास की थैली लाद दी।

गधे ने एक बार फिर से वही चाल चली लेकिन भीगा हुए कपास और भारी हो गया और गधे उसे उठाने के बहुत मुस्किलो का सामना करना पड़ा। जिसके बाद उसने  एक सबक सीखा। उस दिन के बाद मुर्ख गधे ने कोई चाल नहीं चली, जिससे  विक्रेता बहुत खुश था।

कहानी का नैतिक:  किस्मत हमेशा साथ नहीं देती और आप एक व्यक्ति को बार-बाद मुर्ख नही बना सकते।

7. लोमडी और सारस

fox and crane story

एक दिन, एक स्वार्थी लोमड़ी ने रात के खाने के लिए एक सारस को अपने घर पर आमंत्रित किया। सारस निमंत्रण से बहुत खुश थी – वह समय पर लोमड़ी के घर पर पहुँच गई और अपनी लंबी चोंच के साथ दरवाजे पर दस्तक दी। लोमड़ी उसे खाने की मेज पर ले गई और लोमड़ी ने दोनों के लिए छिछले कटोरे में सारस को सूप परोसा। चूंकि सारस के लिए कटोरा बहुत उथला था, जिसके कारण वह सूप नहीं पी पा रहीं थी। लेकिन, लोमड़ी ने अपना सूप जल्दी से चाट लिया।

सारस नाराज और परेशान थी, लेकिन उसने अपना गुस्सा नहीं दिखाया और विनम्रता से व्यवहार किया। लोमड़ी को सबक सिखाने के लिए, उसने फिर लोमड़ी को अगले दिन रात के खाने के लिए अपने घर पर आमंत्रित किया। उसने सूप भी परोसा, लेकिन इस बार सूप को दो लंबी संकीर्ण मअको में परोसा गया। सारस ने उसके मटके में से सूप पी लिया, लेकिन उसकी संकीर्ण गर्दन के कारण लोमड़ी उसमें से कुछ भी नहीं पी सकती थी। लोमड़ी को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह सारस के घर से चली गई।

कहानी का नैतिक:  हमें किसी की कमीयों का मजाक नही बनाना चाहिए।

8. शेर और चूहाँ

lion and mouse

एक बार एक शेर जंगल में सो रहा था जब एक चूहे ने मस्ती के लिए उसके शरीर पर उछल-कुद करना शुरू कर दिया। जिसके कारण शेर की नींद खराब हो गई, और वह काफी गुस्से से उठा। वह चूहे को मारने वाला था जब चूहे ने उसे मुक्त करने के लिए शेर से विन्रम अनुरोध किया। मैं तुमसे वादा करता हूँ, अगर तुम मुझे जाने दोगे तो मैं किसी दिन तुम्हारी बहुत मदद करूँगा। शेर को चुहे के आत्मविश्वास पर हसी आई पर उसने चूहें को जाने दिया।

एक दिन, कुछ शिकारी जंगल में आए जिनके जाल मे शेर फस गया। शेर बाहर निकलने के लिए संघर्ष कर रहा था और दहाडने लगा। जल्द ही, चूहाँ ने शेर को परेशानी में देखा। वह दौड़ा और शेर को आजाद करने के लिए उसने रस्सियों को अपने नोखिले दोतों से काट दिया जिसके बाद दोनों वहाँ भाग गए।

कहानी का नैतिक: दयालुता का एक छोटा कार्य अपको बहुत बड़ी मुसीबत से बचा सकता है।

9. चींटी और कबूतर

गर्मी के एक झुलसा देने वाले एक दिन मे, एक चींटी पानी की तलाश में इधर-उधर बहुत देर से घूम रही थी। कुछ देर इधर-उधर घूमने के बाद, उसे एक नदी देखी जिसे देखकर वह बहुत प्रसन्न हो गई। वह पानी पीने के लिए एक छोटी चट्टान पर चढ़ गई, लेकिन वह फिसल कर नदी में गिर गई। वह डूब रही थी तभी पास के पेड़ पर बैठे एक कबूतर ने उसकी मदद की। चींटी को मुसीबत में देखकर, कबूतर ने जल्दी से पानी में एक पत्ता गिरा दिया। चींटी पत्ती की ओर बढ़ी और उस पर चढ़ गई। कबूतर ने सावधानी से पत्ती को बाहर निकाला और उसे जमीन पर रख दिया। इस तरह, चींटी की जान बच गई और वह हमेशा के लिए कबूतर की ऋणी हो गई।

चींटी और कबूतर सबसे अच्छे दोस्त बन गए और हर दिन खुशी से बीतने लगे। हालांकि, एक दिन, एक शिकारी जंगल में पहुंचा। उसने पेड़ पर बैठे सुंदर कबूतर को देखा और उसकी बंदूक को कबूतर पर निशाना लगाया। चींटी, जिसे कबूतर ने बचाया था, उसने शिकारी की एड़ी पर काट देखा। वह दर्द से चिल्लाया और बंदूक नीचें गिरा दी। कबूतर शिकारी की आवाज से घबरा गया और महसूस किया कि उसके साथ क्या हो सकता है। जिसके बाद वह वहाँ सें तुरंत उड़ गया!

कहानी का नैतिक:  एक अच्छा काम कभी भी आपकी सहायता कर सकता है।

10. भालू और दो दोस्त

एक दिन, दो सबसे अच्छे दोस्त एक जंगल के माध्यम से एकांत और खतरनाक रास्ते पर चल रहे थे। जैसे-जैसे सूरज ढलने लगा, वे डरते-डरते उस जंगल को पार करने लगें। लेकिन एक-दूसरे के साथ रहे। अचानक, उन्हें अपने रास्ते में एक भालू दिखाई दिया। लड़कों में से एक निकटतम पेड़ के पास गया और एक झटके में चढ़ गया। दूसरे लड़के को पेड़ पर चढ़ना नही आता था, इसलिए वह मृत होने का नाटक करते हुए जमीन पर लेट गया। 

भालू ने जमीन पर लड़के से संपर्क किया और उसके सिर को चारों ओर से सूँघ लिया। लड़के के कान में कुछ फुसफुसाने के बाद, भालू अपने रास्ते पर चला गया। पेड़ पर चढ़े लड़के ने नीचे आकर अपने दोस्त से पूछा कि भालू ने उसके कान में क्या फुसफुसाया था। उन्होंने जवाब दिया, उन दोस्तों पर भरोसा मत करो जो आपकी परवाह नहीं करते हैं।

कहानी का नैतिक: मित्र वही जो मुसीबत में काम आये।

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