Panchatantra stories in Hindi: इस ब्लोग के जरीए हम आपको पंचतंत्र की कुछ प्रसि़द्ध कहानीयों के बारे के बताने जा रहें है।
यह कहानी खरगोश और कछुए से प्रेरित है। यह कहानी एक तेज रफ्तार खरगोश और धीमे कछुए की दौड़ के बीच है, जंगल के सभी जानवरों ने अनुमान लगाया कि खरगोश की जीत होगी। जब दोनों प्रतिभागियों ने दौड़ में भाग लिया, तो खरगोश ने कछुए को पीछे छोड़ते हुए एक लंबी दूरी तय कर ली। थोड़ी देर बाद, उसे एहसास हुआ कि वह कछुए से मीलों आगे आ चुका है, खरगोश ने कुछ देर आराम करने का फैसला किया, यह मानते हुए कि कछुआ इतनी जल्दी यह दूरी तय नहीं कर पाएगा – यह वह जगह है जहां कहानी दिलचस्प हो जाती है – कहानी को पुरा पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें।
कहानी का नैतिक: धीरे और निरंतर प्रयास से आप कोई भी दौड़ जीत सकते है,
यह कहानी एक पति और पत्नी के साथ शुरू होती है, जो एक बहुत ही विशेष मुर्गी के मालिक हैं, जो हर दिन एक सोने का अंडा देते हैं। यह अंडा प्रतिदिन एक अच्छा मूल्य प्राप्त करता है, जिससे दंपति अपने धन को लगातार बढ़ाते हैं। हालांकि, लालच के कारण, उन्होंने एक ही बार में सभी सोने के अंडे पाने के लिए मुर्गी को काटने का विचार किया और जल्दी अमीर बनने की कोशिश की। आगे क्या हुआ जानने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें।
कहानी का नैतिक: लालच बुरी बला है।
यह कहानी एक बंदर और मगरमच्छ के बारे मे है एक बार की बात है, नदी किनारे एक बेरी के पेड़ पर एक चतुर बंदर रहता था। उसी जंगल में एक मगरमच्छ और उसकी पत्नी रहते थे। एक दिन, मगरमच्छ नदी में भटकते हुए उस बेर के पेड़ के नीचे आराम करने के लिए आता है, जिस पर बंदर रहता था।
मगरमच्छ, काफी दूरी तक तैर कर आया था जिसके कारण वह बहुत थका हुआ और भूखा था। बंदर देखता है कि मगरमच्छ भूखा है और तो वह मगरमच्छ को कुछ फल खाने का देता है जिसके बाद वह दोनो अच्छे दोस्त बन जाते है और जब मगरमच्छ अपनी पत्नी से बंदर के बारे में बताता है तो उसकी पत्नी बंदर का दिल खाने की इच्छा जाहिर करती है जिसके बाद मगरमच्छ बंदर को चालाकी से अपने घर पर खाना खाने और अपनी पत्नी से मिलने के लिए आमंत्रित करता है। लेकिन रास्ते में वह बंदर को अपने और उसकी पत्नी के इरादों के बारे में बता देता है। यह जानने के लिए की उसने मगरमच्छ से अपनी जान कैसे बचाई नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे।
कहानी का नैतिक शांत रह कर सोचने से आप किसी भी मुसीबत से बच सकते है
यह कहानी एक बूढ़े किसान और उसके तीन बेटो के बारे में हैं जिसके बूढ़े व्यक्ति अपने तीनों बेटों के बिच लड़ाई झगड़े से परेशान हैं। और उन्हें एकता का असली महत्व समझाना चाहता है। वह अपने तीनों बेटों को एक साथ अपने पास बुलाता है। और उन्हें बहुत सरलता से एक सबक सिखाता है। जिसके बाद उसके सभी बेटों को एकता में बल का अहसास हो जाता है। बूढ़े व्यक्ति के उस सबक को सिखने के लिए नीचे दिख हुए लिंक पर क्लिक करें।
कहानी का नैतिक: एकता मे बल
एक बार एक जंगल में वहाँ के राजा शेर से परेशान हो कर जंगल के सभी जानवरों ने एक सभा का आयोजन किया । जिसमें शेर के द्वारा अधिक शिकार के कारण घबराए हुए जानवरों ने इसका उपाए निकालने के बारे में चर्चा की जिसके बाद सभी जानवरों में मिल कर शेर से आगरह किया कि जानवरों को ना मारे जिसके बदले में वह अपनी तरफ से रोजाना उसे एक जानवर खाने के लिए बिना किसी परेशानी के भेज देंगे। शेर इस बात पर सबसे सहमत हो गया कि उसे बिना किसी मेहनत के भोजन मिल जाएगा पर उसने सभी जानवर को जान से मार का खा लेने की धमकी दी अगर वह रोजना एक जानवर उसके पास नहीं भेजते तो। एक दिन एक छोटे खरगोश को शेर का भोजन बनाने के लिए उसकेपास भेजा गया पर चतुर खरगोश ने अपनी चतुराई से शेर को पानी के कुदवा कर जान से मरवा दिया। यह जानने के लिए की खरगोश ने ऐसा कैसे किया नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करे।
कहानी का नैतिक: बुद्धि का इस्तेमाल कर के आप किसी भी गंभीर परिस्थिति से बाहर आ सकते है।
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